Monday, August 5, 2013


नई दिल्ली। शनिवार (27 / 3 /13 )की देर शाम जिस वक्त दिल्ली बारिश की फुहारों में भीग रही थी, ठीक उसी वक्त पूर्वा सांस्कृतिक केन्द्र के सभागार में बैठे दर्शक नृत्य व गीत-संगीत की स्वर लहरियों पर मदहोश हुए जा रहे थे। सांस्कृतिक संस्था नृत्यांजलि द्वारा आयोजित कार्यक्रम ‘नृत्य रागा’ में नन्हे कलाकारों ने लोक नृत्य संगीत का ऐसा समां बांधा की सभागार तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। कार्यक्रम का संचालन दो नन्हे कलाकारों अमृत कुमार व रिया श्रीवास्तव ने किया। सावन की सुहानी शाम की शुरुआत भरतनाट्यम से हुई। महक गोगिया, श्रेया अग्रवाल, ईशा, कृतिका, मानसी, सोनिया, चेष्ठा, अनन्या और आयुषी ने समूह नृत्य ˜मल्लार  पेश कर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इसके बाद गॉड जीसस को समर्पित तेलगु कीर्तन को बेहद ही खूबसूरती के साथ आकृति, रिया, मुस्कान व प्राची ने पेश किया। घंटे भर से ज्यादा समय तक चले संगीत के इस कार्यक्रम के दौरान अन्य कलाकारों ने कालबेलिया नृत्य, गरबा और भंगड़ा पेश किया। सबसे आखिर में बच्चों ने वेस्टर्न डांस पर दर्शकों को थिरकने के लिए मजबूर कर दिया। नृत्य संगीत के इस कार्यक्रम का संचालन दो नन्हे कलाकारों अमृत और रिया ने जिस तरह किया, उसे देखकर कोई भी सहज में यह विश्वास नहीं कर पा रहा था कि इतने छोटे बच्चे भी इस तरह कार्यक्रम का संचालन कर सकते हैं। उनका आत्मविश्वास देखते ही बन रहा था। कार्यक्रम के अंत में संस्था की निदेशिका विल्खा गोगिया ने सभी कलाकारों को प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया। कलाकारों में अभिलाषा, तनिषा, आरती, श्रेया, ऋतिका, कशिश, नाव्या, देवांशी, सिया, छवि आदि शामिल रहीं।

नृत्य रागा कार्यक्रम में नन्हे कलाकारों ने बांधा समां



नई दिल्ली शनिवार (२७/३/१३)  की देर शाम जिस वक्त दिल्ली बारिश की फुहारों में भीग रही थी, ठीक उसी वक्त पूर्वा सांस्कृतिक केन्द्र के सभागार में बैठे दर्शक नृत्य व गीत-संगीत की स्वर लहरियों पर मदहोश हुए जा रहे थे। सांस्कृतिक संस्था नृत्यांजलि द्वारा आयोजित कार्यक्रम नृत्य रागा में नन्हे कलाकारों ने लोक नृत्य संगीत का ऐसा समां बांधा की सभागार तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। कार्यक्रम का संचालन दो नन्हे कलाकारों अमृत कुमार व रिया श्रीवास्तव ने किया। सावन की सुहानी शाम की शुरुआत भरतनाट्यम से हुई। महक गोगिया, श्रेया अग्रवाल, ईशा, कृतिका, मानसी, सोनिया, चेष्ठा, अनन्या और आयुषी ने समूह नृत्य मल्लारी पेश कर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इसके बाद गॉड जीसस को समर्पित तेलगु कीर्तन को बेहद ही खूबसूरती के साथ आकृति, रिया, मुस्कान व प्राची ने पेश किया। घंटे भर से ज्यादा समय तक चले संगीत के इस कार्यक्रम के दौरान अन्य कलाकारों ने कालबेलिया नृत्य, गरबा और भंगड़ा पेश किया। सबसे आखिर में बच्चों ने वेस्टर्न डांस पर दर्शकों को थिरकने के लिए मजबूर कर दिया। नृत्य संगीत के इस कार्यक्रम का संचालन दो नन्हे कलाकारों अमृत और रिया ने जिस तरह किया, उसे देखकर कोई भी सहज में यह विश्वास नहीं कर पा रहा था कि इतने छोटे बच्चे भी इस तरह कार्यक्रम का संचालन कर सकते हैं। उनका आत्मविश्वास देखते ही बन रहा था। कार्यक्रम के अंत में संस्था की निदेशिका विल्खा गोगिया ने सभी कलाकारों को प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया। कलाकारों में अभिलाषा, तनिषा, आरती, श्रेया, ऋतिका, कशिश, नाव्या, देवांशी, सिया, छवि आदि शामिल रहीं।

ललित कला अकादमी से मांगा 75 लाख मुआवजा


 नई दिल्ली। न्यूयार्क में रहने वाली भारतीय मूल की महिला कलाकार जरीना हाशमी के आर्ट वर्क (ब्लाइंडिंग लाइट) को नुकसान पहुंचाने के ऐवज में न्यूयार्क की आर्ट गैलरी ‘लुहरिन अगस्टीन’ ने ललित कला अकादमी से सवा लाख यूएस डालर (लगभग 75 लाख रुपए) क्षतिपूर्ति की मांग की है। जरीना हाशमी भी आर्ट वर्क को नुकसान पहुंचाए जाने को लेकर अकादमी से खासी नाराज हैं। दो वर्ष पहले वेनिस (फ्रांस) में आयोजित 54वीं अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनी में पहली बार अलग से भारतीय पवेलियन लगाया गया था। इस पवेलियन के लिए आर्ट वर्क के चयन की जिम्मेदारी रणजीत होस्कोटे को मौजूदा अकादमी प्रशासन ने सौंपी थी। होस्कोटे ने चार भारतीय कलाकारों का चयन किया था। इनमें जरीना हाशमी (भारत में जन्मी और अब न्यूयार्क में रहकर काम करती हैं), प्रनीत सोई (कोलकाता में जन्मे और अब एमस्टरडम में रहते हैं), जीजी सकारिया (दिल्ली) व सोनल जैन शामिल थे। सूत्रों के अनुसार अकादमी को जरीना हाशमी की कृति न्यूयार्क की आर्ट गैलरी लुहरिन अगस्टीन ने मुहैया कराई थी। इस प्रदर्शनी में हाशमी की दो कृतियों को शामिल किया गया था। इनमें एक ब्लाइंडिंग लाइट व दूसरी ‘होम इज ए फॉरेन प्लेस’ थीं। लुहरिन अगस्टीन ने अकादमी को कृतियां देते वक्त इनका सवा लाख यूएस डालर का इंश्योरेंस करवाया था। साथ ही जरीना हाशमी ने यह शर्त भी रखी थी कि अगर किसी भी तरह से यह कृतियां क्षतिग्रस्त होती हैं, तो इसकी सूचना तत्काल उन्हें दी जाए और बगैर पूर्व अनुमति के दोनों कृतियों के साथ छेड़छाड़ न की जाए, लेकिन हुआ ठीक इसके उलट। न केवल कृति ब्लाइंडिंग लाइट को बुरी तरह से क्षतिग्रस्त किया गया, बल्कि इसकी जानकारी न तो कलाकार को दी गई और न ही उस गैलरी को जिसने यह कृति अकादमी को दी थी। अब लुहरिन अगस्टीन गैलरी ने अकादमी को पत्र लिखकर कहा है कि उसे इस कृति का इंश्योरेंस मूल्य सवा लाख यूएस डालर दिया जाए। इसके लिए गैलरी ने अकादमी के साथ हुए समझौते का हवाला दिया है। इस बारे में अकादमी के प्रभारी सचिव रामकृष्ण बेदाला का कहना है कि तत्कालीन सचिव ने इन पेंटिंग्स को सुरक्षित लाने के लिए असिस्टेंट सचिव डीएस यादव को भेजा था। उनकी ही गलती से हाशमी की कृति को क्षति पहुंची और उन्होंने इसकी जानकारी न तो अकादमी को दी और न ही कलाकार व गैलरी को। इस मामले में हमने डीएस यादव को 22 अप्रैल 2013 को एक मेमोरेंडम जारी कर उनसे जवाब मांगा था। हालांकि डीएस यादव अब रिटार्यड हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि हमने इस पूरे मामले को गंभीरता से लिया है। गैलरी के साथ मुआवजे को लेकर बातचीत चल रही है।