दे रहे भींगे नयन सौगंध तुमको,
हम अकेले हैं, परवासी लौट आना`
शोर है हर ओ़र
पर आपना नहीं,
बंद पलकों में
कोई सपना नहीं
अधर चुप हैं कह रहा व्याकुल ह्र्दय
हम अकेले हैं, परवासी लौट आना।
आंसुओं का मोल
कैसे खो गया,
प्यार कब कैसे
पुराना हो गया।
जिंदगी के रास्तों की भीड़ में,
हम अकेले हैं, परवासी लौट आना।
hallo sir
ReplyDeletehum apke es lelh ko ek shikh ke rup me le raha hu. vakae yah lekh lotne pe majabur karta hai
ReplyDeleteiwant to u write on something on friendship.this is near to heart poet
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