सदियों पहले
हमारे पूर्वजों ने
कोशिश की थी
अपने अचल ठिकाने के लिए
एक छोटा सा घर
बनने की
उनकी कोशिश हुई सफल
बन गए घर पर घर
अब इतने घरों के बावजूद
है आदमी आज
सड़कों पर
आदमी तलाशता रहा है
एक और घर, एक और घर
कल भी तलाश जारी थी
आज भी जारी है
तलाश जारी रहेगी ... ।
बढिया रचना है बधाई।
ReplyDeleteRachna achchi hai.Shubkamnayen.
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