Monday, February 21, 2011

भरतनाट्यम देख दर्शक हुए भाव विभोर


नई दिल्ली (१०/२/11)। सांस्कृतिक संस्था ‘कलईकुड्डूम’ की ओर से सत्य साई सभागार में शास्त्रीय नृत्य संगीत कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जानी-मानी भरतनाट्यम नृत्यांगना कोमला वरदन की देखरेख में आयोजित नृत्य के इस कार्यक्रम में गौतम बुद्ध व श्रीकृष्ण लीला पर आधारित कार्यक्रम पेश किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत सात वर्षीय अनन्या के गणोश वंदना से हुई। इसके बाद भगवान शिव को समर्पित ‘पुष्पांजलि’ में कलाकारों ने भगवान शिव के विभिन्न रूपों को साकार किया। कोमला वरदन ने भगवान गौतम बुद्ध के जन्म से पहले की एक घटाना को अपने नृत्य के माध्यम से साकार किया। उन्होंने अपने नृत्य के माध्यम से यह बताने की कोशिश की कि गौतम बुद्ध के जन्म से पहले किस तरह से एक राक्षस प्रतिदिन एक मृग को अपना भोजन बनाता था और जब एक दिन एक गर्भवती मृग का नंबर आता है तो मृगों का राजा उसकी जगह खुद राक्षस के पास चला जाता है। एकल नृत्य के माध्यस से जिस तरह से कोमला वरदन इस पूरी कहानी को मंच पर नृत्य के माध्यम से साकार किया, उसे देखकर दर्शकों ने दांतों तले उंगुली दबा ली। उम्र के इस पड़ाव पर नृत्य में इतनी ऊर्जा का होना दर्शकों को हतप्रभ करने वाला था। कार्यक्रम का सामापन भगवान राम की आरती के साथ हुआ। करीब डेढ़ घंटे तक चले इस कार्यक्रम में अनन्या, रंजीता, दिव्यांस आदि कलाकारों ने नृत्य पेश किये।

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