इंतजार ! इंतजार !! इंतजार !!!
यह शब्द अपने आप में
कितने ही दर्द और
सुख की अनुभूतियों को छुपाये हुए है
इसे तुच्छ मनुष्य नहीं जानता
अगर जानने की कभी
कोशिश करता है तो
अपने जीवन के
तमाम सुखों को
गवां बैठता है
और तब हाथ आता है हमारे
एक न भूलने
वाली निराशा
और केवल निराशा !...!!