Monday, April 22, 2013

इंसाफ न मिला तो बन जाऊंगी आतंकवादी
 नई दिल्ली। इंसाफ की मांग को लेकर पिछले सौ दिनों से जंतर-मंतर पर बैठी राष्ट्रीय स्तर की बालीबॉल खिलाड़ी ने रविवार को कहा कि अगर अब न्याय नहीं मिला तो वह आतंकवादी बन जाएगी, और इसकी जिम्मेदार सरकार होगी। उन्होंने कहा कि सरकार पीड़िता को न्याय दिलाने के बजाय आरोपी को संरक्षण देती है। कानूनी दावपेंच में मामले को लंबा खींचा जाता है। ऐसे में मेरे सामने आतंकवादी बनने के अलावा और कोई रास्ता नहीं है। पंजाब की यह महिला प्रदेश स्तर की खिलाड़ी हर चुकी है। ह्यूमन राइट एक्टिविस्ट के तौर पर वह दूसरों के अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ती रही हैं। वह पैरामेडिकल छात्रा से गैंगरेप की घटना के बाद न्याय की आस लिए राजधानी के जंतर मंतर पहुंची थी और यहां पर 12 जनवरी से सात फरवरी तक भूख हड़ताल पर बैठी थी। तब हालत खराब होने के बाद भूख हड़ताल समाप्त कर दी, लेकिन अभी तक यही पर डटी हुई हैं। इन सौ दिनों में रात के अंधेरे में पुलिस के चेहरे और चरित्र को नजदीक से देखने वाली यह खिलाड़ी कहती है कि रात के सन्नाटे में पुलिसवालों की बातचीत को सुन कर दिल दहल जाता है। लगता है जैसे उनके अंदर मानवता जैसी कोई चीज ही नहीं बची है। पिछले दिनों पांच वर्पीय बच्ची के साथ हुए दुष्कर्म की घटना से वह काफी परेशान हैं। वह कहती हैं कि पैरामेडिकल छात्रा से गैंगरेप की घटना के बाद लगा था कि सरकार और पुलिस की सोच में बदलाव आयेगा लेकिन ऐसा हुआ नहीं। अब महिलाओं को अपनी सुरक्षा के लिए खुद ही पहल करनी होगी। उन्होंने पंजाब कै डर के एक आईपीएस अधिकारी पर जबरन शारीरिक संबंध बनाने और मारपीट का आरोप लगाते हुए कहा कि इस घटना हो गुजरे चार वर्ष होने को आ रहे हैं पर अभी तक न्याय नही मिला है। राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री तक से गुहार लगा चुकी हूं। पिछले सप्ताह यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलने गयी थी। लेकिन अभी तक कहीं से भी न्याय मिलता हुआ नहीं दिख रहा है। ऐसे में अब मैं इतनी ज्यादा मायूस हो चुकी हूं कि मेरे सामने एक ही रास्ता बचा है आतंकवादी  बनने का। उन्होंने कहा कि अगर सरकार और पुलिस का रवैया ऐसे ही रहा तो आने वाले समय में रेप की शिकार महिलाएं न्याय के लिए पुलिस और कानून के पास जाने के बजाए खुद ही बदूंक उठाने को मजबूर होंगी।
रेप की शिकार महिलाओं को न्याय पाने के लिए अब खुद उठानी होगी बंदूक न्याय की आस लिए सौ दिनों से जंतर-मंतर पर बैठी है पीड़िता

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