Monday, February 21, 2011

बॉलीवुड से उत्तर रेलवे को लाखों की कमाई

नई दिल्ली। (४/२/११) कोहरे और जन आंदोलन से उत्तर रेलवे को भले ही जोर का झटका लगा हो, लेकिन इसकी भरपाई रेलवे ने बॉलीवुड से थोड़ी-बहुत जरूर कर ली है। एक वर्ष के दौरान उत्तर रेलवे ने विभिन्न फिल्मों और डॉक्यूमेंट्री फिल्मों की शूटिंग से लाखों की कमाई की है। हालांकि, इस कमाई से कोहरे और आंदोलन के चलते हुए घाटे को नहीं पाटा जा सकता, लेकिन थोड़ी- बहुत भरपाई जरूर की जा सकती है। अप्रैल से अब तक उत्तर रेलवे के विभिन्न स्टेशनों पर तीन फिल्मों की शूटिंग हुई है, जिनकी परमिशन फीस के रूप में ही उत्तर रेलवे को 10.75 लाख रुपए मिले हैं, जबकि ट्रेनों को फिल्मों में शूट किए जाने से जो किराया मिला है, वह इससे कई गुना अधिक है। उत्तर रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक चंडीगढ़, देहरादून व पंजाब के कुछ एक स्टेशनों पर इस साल तीन फिल्मों की शूटिंग हुई है। इसमें कंगना राणावत की ‘तनू वेड्स मनू’ भी शामिल है। इसके अलावा दो और अनाम फिल्में है, जिनकी शूटिंग देहरादून और पंजाब के विभिन्न इलाकों में हुई है। उत्तर रेलवे के जनसंपर्क अधिकारी राजेश खरे के अनुसार ‘तनू वेड्स मनू’ की शूटिंग चंडीगढ़ में करीब एक सप्ताह हुई थी। इसी तरह, एक अन्य फिल्म की शूटिंग देहरादून और दूसरी अन्य फिल्म की शूटिंग राजधानी के आसपास में हुई है। उन्होंने कहा कि ट्रेनों के भीतर, स्टेशनों पर खड़ी ट्रेनों के बाहर आदि की शूटिंग के लिए इस साल परमिशन फीस के रूप में अप्रैल से अब तक उत्तर रेलवे को सिर्फ फीस के रूप में 10.75 लाख रुपए मिले हैं, जबकि ट्रेनों के किराये के रूप में यह आंकड़ा कई गुना ज्यादा है। उन्होंने बताया कि ए-श्रेणी के शहरों के स्टेशनों पर या ट्रेनों मे शूटिंग करने के लिए परमिशन फीस एक लाख है जबकि बी-श्रेणी के लिए 50 हजार और सी-श्रेणी के शहरों के लिए 25 हजार रुपये फीस तय है। खरे के अनुसार शूटिंग के लिए ट्रेनों को किराये पर लेने पर फिल्म निर्माता से 9 लाख रुपये की सिक्युरिटी ली जाती है। इसके अलावा निर्माता को पांच करोड़ रुपये का बीमा भी करवाना होता है। उन्होंने बताया कि एक दिन की शूटिंग का खर्च 5-6 लाख से अधिक ही बैठता है। उन्होंने कहा कि शूटिंग की अनुमति यहां से मिलती है जबकि किराये की राशि जिस स्टेशन पर शूटिंग होनी होती है, वहां जमा होती है।

No comments:

Post a Comment