Friday, January 22, 2010

तैयार रहिए! बढ़ेंगी दूध पाउडर की कीमतें

महंगाई की मार से दो चार हो रहे आम आदमी की मुश्किलें और बढ़ने वाली हैं। दूधियों ने कच्चे दूध की कीमतों में प्रति लीटर 5-7 रूपए तक की बढ़ोतरी करने का अल्टीमेटम दूध पाउडर कंपनियों को दे दिया है। इस बढ़ोतरी के बाद स्कीम्ड पाउडर (दूध पाउडर) की कीमतों में 5 या 10 रूपए की नहीं बल्कि 35-40 रूपए तक की बढ़ोतरी किये जाने के संकेत डेयरी प्रोडक्ट्स ट्रेडर एसोसिएशन ने दिया है। एसोसिएशन के अनुसार दूध की कीमतों में बढ़ोतरी की मुख्य वजह सरकार द्वारा स्कीम्ड पाउडर और ‘केसिन’ (चीज) का एक्पोर्ट किया जाना बताया और पशु चारे की कीमतों में बढ़ोतरी होना है। डेयरी प्रोडक्ट्स ट्रेडर एसोसिएशन के महामंत्री अनिल गुप्ता के अनुसार दूधियों ने कच्चे दूध की कीमतों में बढ़ोतरी करने का संकेत दे दिया है। उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि महंगाई की वजह से जानवरों का चारा महंगा हुआ और इसी के साथ दूध की मांग में भी बढ़ोतरी हुई है जबकि उत्पादन कम हुआ है। ऐसे में दूधियों ने 24-25 रूपए प्रतिलीटर वाले कच्चे दूध को 30-32 रूपए में देने की बात करने लगे हैं। गुप्ता के अनुसार दूध पाउडर और चीज का निर्यात बढ़ता जा रहा है, जिससे घरेलू बाजार में दूध पाउडर कम हो रहा है। यह बात दूधियों को भी पता है और इसी का फायदा वह उठाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि अगर कच्चा दूध महंगा होने पर दूध पाउडर की कीमतों में लगभग 35-40 रूपए की बढ़ोतरी होगी। गुप्ता ने कहा कि कच्चे दूध की सप्लाई करने वाले दूधियों ने दूध पाउडर बनाने वाली कंपनियों को कह दिया है कि वह अगले माह से 30-32 रूपए से कम में दूध नहीं दे सकते हैं। अगर ऐसा होता है तो हमें न चाहते हुए भी दूध पाउडर की कीमतों में कम से कम 35-40 रूपए प्रतिकिलो तक की बढ़ोतरी करनी पड़ेगी। इस वक्त थोक बाजार में दूध पाउडर 135-140 रूपए में बिक रहा है। वहीं दूसरी आ॓र पारस मिल्क के एमडी राजेन्द्र सिंह ने भी कहा कि नार्थ इंडिया में दूध का उत्पादन कम हुआ है, लेकिन अभी ऐसी नौबत नहीं आई है कि तुरंत पॉलीपैक दूध की कीमतों में इजाफा किया जाए लेकिन यह तय है कि बहुत दिनों तक दूध की कीमतें स्थायी नहीं रहेगी। सूत्रों के अनुसार प्रतिवर्ष 60 हजार टन मिल्क पाउडर का निर्यात किया जाता है। दूध की कीमतों में बढ़ोतरी होने और देश में दूध का उत्पादन कम होने से सरकार ने 2008 में छह माह के लिए दूध पाउडर के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था लेकिन फिर छह माह बाद जैसे ही निर्यात से प्रतिबंध हटा तो दूध की कीमतें बढ़नी शुरू हो गईं।

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