Tuesday, January 26, 2010

लोगों में दिखा समारोह देखने का जुजून

गणतंत्र दिवस समारोह को देखने की ललक आम लोगों में किस कदर है, इसका नजारा मंगलवार को देखने को मिला। पूरा शहर घने कोहरे की गिरफ्त में था, सुरक्षाकर्मियों ने बैरिकेड्स लगाकर तमाम रास्तों को रोक दिया था, लेकिन इन सबके बावजूद लोग एक-दो नहीं, बल्कि 7-8 किलोमीटर की दूरी पैदल तय कर राजपथ समारोह देखने पहुंचे। पैदल पहुंचने वाले लोगों में ऐसे लोगों की संख्या ज्यादा थी, जो दफ्तरों में निचले स्तर का काम करते हैं। इन्होंने अपने अधिकारियों से गणतंत्र दिवस समारोह के पास हासिल किये थे। राधेश्याम अपने परिवार के साथ गीता कॉलोनी से पैदल ही राजपथ पहुंचे। वह इस बात से नाराज दिखे कि बड़े साहब और अधिकारियों को गाड़ियां पुलिसवाले ले जाने दे रहे हैं, लेकिन आटो और बसों को नहीं जाने दे रहे हैं। हम लोग साहब से ‘पास’ तो मांग लेते हैं, लेकिन गाड़ी नहीं होने के कारण पैदल आना पड़ा है। गाड़ी का भी पास है, लेकिन पुलिस कहती है यह कार, स्कूटर व मोटरसाइकिल के लिए है। आटो पर नहीं चलेगा। राधेश्याम की तरह, सुबोध भी अपने बुजुर्ग मां-बाप के साथ मंडावली से पैदल ही आए।

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