Saturday, July 10, 2010

600 करोड़ का नुकसान

महंगाई के विरोध में भाजपा और वाम दलों द्वारा आहूत भारत बंद का असर राजधानी के सभी थोक व खुदरा बाजारों पर देखने को मिला। थोक बाजारों के बंद होने से कम से कम छह सौ करोड़ रुपए का कारोबार प्रभावित हुआ जबकि इससे सरकार को लभगभ 65 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। राजधानी में पहली बार ऐसा हुआ है कि बंद में यहां के सभी छोटेबड़ े बाजारों की दुकानें पूरी तरह से बंद रही। यहां पर लगभग 300 छोटे-बड़े बाजार है जिनमें दुकानदारों की संख्या हजारों में है। थोक बाजारों के एसोसिएशनों के अनुसार सोमवार के बंद से व्यापारियों को लगभग 600 करोड़ रुपए का कारोबार प्रभावित हुआ है, जबकि सरकार को टैक्स के रूप में लाखों रुपए नुकसान उठाना पड़ा है। बंद में शामिल होने वाले थोक बाजारों के एसोसिएशनों में स्टील चैम्बर्स एसोसिएशन, पेपर मर्चेन्ट एसोसिएशन, ग्रेन मर्चेन्ट एसोसिएशन, हिन्दुस्तानी मार्केन्टाइल एसोसिएशन, दिल्ली इलेक्ट्रिकल एसोसिएशन, केमिकल मर्चेन्ट एसोसिएशन तथा खारी बावली किराना कमेटी से जुड़े कारोबारी शामिल थे। बाजार एसोसिएशनों के अनुसार राजधानी में प्रतिदिन लभगभ 600 करोड़ रुपए का कारोबार होता है जो बंद की वजह से पूरी तरह से ठप रहा। कारोबार ठप होने से सरकार को भी लाखों रुपए का नुकसान हुआ जो उसे टैक्स के रूप में मिलता है। पूरी तरह से बंद रहने वाले थोक बाजारों में चावड़ी बाजार, खारी बावली, नई सड़क, नया बाजार, चांदनी चौक, भागीरथ पैलेस, लाजपत राय मार्केट, तिलक बाजार, सदर बाजार, सरोजनी नगर, साउथ एक्स, लक्ष्मी नगर, तिलक नगर, कनाट प्लेस, शंकर मार्केट, कमला मार्केट, श्रद्धानंद मार्केट, ऑटो पार्ट्स मार्केट कश्मीरी गेट आदि पूरी तरह से बंद रहे।

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